Hisar: हर्षोल्लास से मनाया दशहरा, सीएम मनोहर लाल ने किया रावण के पुतले का दहन, देखिए झलकियां

हिसार में सीएम मनोहर लाल ने किया रावण के पुतले का दहन।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हिसार के महाबीर स्टेडियम में श्री रामलीला कमेटी कटला की ओर से 125वां विजय दशमी महोत्सव पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल मुख्य अतिथि रहे। महाबीर स्टेडियम में रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों को जलाया गया। करीब पांच बजे से ही लोग यहां पहुंच गए थे। छह बजे सीएम मनोहरलाल पहुंच गए थे। पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने भीड़ को संबोधित किया।
सीएम मनोहरलाल ने करीब 15 मिनट तक भाषण दिया। इस बीच दूसरी रामलीलाओं के पुतला दहन से पटाखों की आवाज होने लगी। इस पर लोगों ने पुतला दहन जल्दी कराने को लेकर हूटिंग शुरू कर दी। इसके बाद सीएम ने एक से डेढ़ मिनट में ही अपना संबोधन समाप्त कर दिया। इसके बाद सीएम ने धनुष उठाया और रावण के पुतले पर तीर चलाया। सीएम मनोहरलाल ने कहा कि हमें अपने जीवन में राम के आदर्शों को अपनाना चाहिए। अन्याय पर न्याय की जीत हमेशा हुई है।
दशहरा मेला में उमड़ी लोगों की भीड़।
उन्होंने कहा कि जैसा घमंड रावण के मन में आया वैसा ही घमंड विदेशियों में भी आया था। उन्होंने दशकों तक हमें गुलाम बनाकर रखा। राम ने लक्ष्मण को रावण से भी सीख लेने को कहा था। प्रदेश के शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना श्रीराम से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रभु श्रीराम ने देश सेवा के लिए घर छोड़ा। उसी तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र सेवा के लिए घर-परिवार छोड़ा हुआ है।
रावण के पुतले का दहन करते सीएम मनोहर लाल।
रामायण हो या गीता सार संदेश, प्रदेश सरकार ने इनके प्रचार-प्रसार के लिए की पहल मनोहर लाल
रामायण हो या गीता सार संदेश, प्रदेश सरकार ने इनके प्रचार प्रसार को लेकर पहल की है। कालांतर में भारत की पहचान विश्व गुरु के रूप में थी, अब एक बार फिर से दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है। यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री रामलीला कमेटी कटला की तरफ से आयोजित दशहरा उत्सव को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने लोगों से भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का आह्वान भी किया।
धू-धू कर जला रावण।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युग कोई भी हो प्रत्येक युग में अच्छाई और बुराई साथ साथ चलती है। हम अपने आचरण से अच्छाई और धर्म को बड़ा बना सकते है। राजा रामचंद्र के जीवन के प्रत्येक पहलु से हमे कुछ न कुछ सिखने का अवसर मिला है। एक पुत्र, एक भाई, एक पिता तथा एक पति के रूप में उनके जीवन से बहुत कुछ सिखा जा सकता है। उन्होंने राजधर्म और धर्म युद्ध की मर्यादाओं को निभाने की अनेक मिसाल कायम की है। सेवा परमो धर्म का उनका कथन आज भी बेहद प्रासंगिक है।
रामलीला मंचन।
भागवत गीता के प्रचार के लिए विदेशों में भी आयोजित किए जा रहे गीता महोत्सव-निकाय मंत्री
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि 75 साल बार राम मंदिर बन रहा है। हालांकि इसे पहले ही बन जाना चाहिए था। अब गीता का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। देश के अलावा विदेशों में गीता महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा व पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भी लोगों को संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक जोगीराम सिहाग, मेयर गौतम सरदाना, भाजपा जिलाध्यक्ष कैप्टन भूपेंद्र भी मौजूद रहे।
रामलीला मंचन।
रामलीला कमेटी ने की जमीन उपलब्ध करवाने की मांग
इस दौरान श्री रामलीला कमेटी कटला के प्रधान सुरेंद्र लाहौरिया ने मुख्यमंत्री के सामने जमीन व भवन उपलब्ध करवाने की मांग की ताकि वह उस जगह रामलीला का मंचन कर सके। सुरेंद्र लाहौरिया ने कहा कि जब तक उन्हें जमीन नहीं मिलती है, तब तक उन्हें पुराना गवर्नमेंट कॉलेज मैदान को ही स्थायी रूप से रामलीला का मंचन करने की अनुमति दी जाए, क्योंकि इस मैदान में अक्सर अन्य मेलों का आयोजन भी किया जाता है।
रामलीला मंचन।
सबसे पहले रावण के पुतले का किया दहन
मुख्यमंत्री ने मंच पर रामलीला के किरदार निभा रहे कलाकारों का तिलक कर उनकी पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से तीर चलाकर रावण, मेघनाथ, कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन किया। इस दौरान गलती से पहले रावण के पुतले का दहन कर दिया गया। इसके बाद मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले जलाए गए।
दशहरा मेला में पहुंची युवतियां।
350 पुलिस कर्मचारी अंदर व बाहर रहे तैनात
सुरक्षा व्यवस्था के लिए स्टेडियम के अंदर व बाहर 350 पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई। सुरक्षा के लिहाज से स्टेडियम को तीन भागों में बांटा गया। आउटर भाग एक में महाबीर स्टेडियम का बाहरी हिस्सा रखा गया। स्टेडियम के गेट नंबर एक को वीआईपी गेट बनाया गया, जहां से सिर्फ स्टेज पर बैठने वाले लोगों की एंट्री हुई। आमजन के लिए दो गेट बनाए गए, जिसमें एक गेट पंचायत भवन व दूसरा गेट मधुबन पार्क के अंदर से था। आउटर भाग दो में स्टेडियम के अंदर का हिस्सा रखा गया। स्टेडियम के अंदर स्टेज व उसके आगे बैठने के लिए दो पंडाल बनाए गए। वीआईपी की गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था गवर्नमेंट कॉलेज व सामान्य पार्किंग टैक्सी स्टैंड की गई। यहां से लोगों को पैदल चलकर स्टेडियम आना पड़ा।
समारोह के समापन के बाद लगा जाम
उधर समारोह के समाप्त होने के साथ ही सड़कों पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। हालांकि सभी चौक पर पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। समारोह को लेकर लक्ष्मीबाई चौक, कैनाल रेस्ट हाउस, मधुबन पार्क गेट के पास, शर्मा अस्पताल के पास टी प्वाइंट व एचएयू गेट नंबर एक के पास बैरिकेड लगाकर नाकाबंदी की गई थी। वहीं लक्ष्मीबाई चौक से आगे किसी वाहन को जाने नहीं दिया जा रहा था।