Haryana

DSP Surendra Bisnoi: बेटे के गुनाह से अनजान है आरोपी इक्कर की मां, बोली-कहीं गया है, शाम तक लौट आएगा

डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई के हत्यारोपी इक्कर (डंपर क्लीनर) की मां को अब तक अपने बेटे के गुनाह की जानकारी तक नहीं है। वह सोच रही है कि उसका बेटा बिना बताए कहीं चला गया है, लौट आएगा। उसे नहीं पता कि पुलिस ने उसे डीएसपी की हत्या के जघन्य अपराध में गिरफ्तार किया है। अमर उजाला की टीम आरोपी के गांव में पहुंची तो उसकी बुजुर्ग मां एक पेड़ की छांव में बैठी थी। परिवार के बाकी सदस्य गांव छोड़ गए हैं। इक्कर के बारे में पूछने पर उसने कहा कि कल से कहीं गया है, शाम तक लौट आएगा। उसने बताया कि रात को भी वह उसका इंतजार करती रही, लेकिन वह नहीं आया। उसका खाना रखा रहा और चारपाई पर बिस्तर पड़ा रहा। किसी अनहोनी के अंदेशे से उसकी आंखों से आंसू भी बहने लगे, लेकिन उसे इस बात का जरा भी अहसास नहीं है कि उसके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

आपको बता दें कि तावडू के गांव पचगांवा में मंगलवार सुबह अवैध खनन रोकने गए डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की खनन माफिया ने डंपर चढ़ाकर हत्या कर दी। वारदात के बाद चालक डंपर सहित फरार हो गया। पुलिस ने घंटे भर बाद सोहना क्षेत्र से मुठभेड़ में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पैर में गोली लगने से उसे शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है। 

आरोपी की पहचान डंपर के खलासी इक्कर के रूप में हुई है। उधर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिश्नोई को शहीद का दर्जा देने के साथ ही परिजनों को एक करोड़ रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। मौके पर पहुंचे डीजीपी पीके अग्रवाल ने कहा कि मुठभेड़ में जिसे गिरफ्तार किया है, वह मुख्य आरोपी नहीं है। सदर थाना पुलिस ने पचगांवा निवासी मित्तर व इक्कर के अलावा 3-4 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। देर रात पुलिस ने डंपर को भी जब्त कर लिया।

 

अवैध खनन वाले डंपरों पर अंकित नहीं होते नंबर

अवैध खनन में लिप्त बिना नंबर चलने वाले करीब आधा दर्जन डंपरों को पुलिस ने पचगांव से जब्त किया है। कइयों में तो पत्थर भी भरा हुआ है। जब्त डिंपरों पर हिंदी के अंको में नंबर लिखे हैं, जिन्हें जल्द पढ़ पाना कठिन रहता है। नूंह में डंपरों के नंबर में भी बड़ा खेल चल रहा है। 

 

अवैध धंधे में शामिल अधिकतर डंपर बिना नंबर के होते हैं। सड़कों पर बेलगाम  ओवरलोड होकर दौड़ते बिना नंबर के डंपर हादसों का भी कारण बनते हैं। नंबर नहीं होने से हादसा होने पर पता भी नहीं चलता कि कौन सा वाहन टक्कर मार गया। 


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